'क्रोनोलॉजी' महिलाओं के दमन पर आधारित फिल्म है : निर्देशक अली आयदिन



गोवा,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

फिल्म “क्रोनोलॉजी” के तुर्की निर्देशक अली आयदिन ने कहा है कि उनकी फिल्म पुरुष प्रधानता वाले समाज में महिलाओं की पीड़ा की अभिव्यक्ति है। गुरुवार को गोवा में भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह फिल्म महिलाओं को दी जाने वाली पीड़ा का विरोध है। मैं अनकही कहानी व्यक्त करना चाहता था और तुर्की में महिलाओं की वास्तविकता तथा पुरुषों की सोच को कहना चाहता था।

“क्रोनोलॉजी” फिल्म में नायिका की भूमिका निभाने वाली सिमरे इबुजिया ने बताया कि उन्होंने यह भूमिका इसलिए स्वीकार की क्योंकि उन्हें पटकथा अच्छी लगी, निर्देशक में विश्वास था और उन्हें कहानी भी पसंद आई। सुश्री इबुजिया ने कहा कि ये ऐसी कहानियां हैं जो बार-बार नहीं कही जातीं। मैं इन्हें राजनीतिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण मानती हूं।

तुर्की में फिल्म उद्योग के बारे में अली आयदिन ने कहा कि तुर्की की संस्कृति समृद्ध है, जिसमें अनेक संस्कृतियां जुड़ी हुईं हैं। तुर्की की सांस्कृतिक रूप से सम्पन्न फिल्म उद्योग में यह दिखता है।

ऑस्ट्रिया की फिल्म “लिलियन” में काम करने वाली अभिनेत्री पैट्रीशिया प्लैनिक ने बताया कि यह फिल्म न्यूयॉर्क शहर में फंसे एक प्रवासी की सच्ची कहानी है, जो अपने देश रूस जाना चाहती है। उन्होंने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग सच्ची कहानी के नायक पर शोध के बीच 9 महीनों से अधिक समय में पांच सदस्यों के साथ बिना पटकथा की गई। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में उन्होंने किसी तरह का मेकप नहीं किया। अमेरिका में शूट की गई और वृत्तचित्र शैली में कही गई इस फिल्म के अधिकतर पात्र फिल्म की नायिका के सड़क मार्ग में मिलने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि संपूर्ण फिल्म महिला के रूप में सुंदर यात्रा और अनुभव है।

चीनी फिल्म “वाइटलिटी” के बारे में इसके निर्देशक डोन्गमिन ऊ ने कहा कि यह फिल्म आत्ममुक्ति और आगे बढ़ने की कहानी है। इस फिल्म में भाई, पड़ोसी, पति-पत्नी जैसे सभी तरह के संबंधों में प्यार को व्यक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म चीन के सामान्य लोगों तथा देश की महान प्रेम कथाओं का सम्मान करती है। “वाइटलिटी” फिल्म आईएफएफआई, 2019 में आईसीएफटी यूनेस्को- गांधी पदक की स्पर्धा में है।

अमा खांडों के निर्देशक धोनडुप टीशेरिंग ने बताया कि किस तरह उन्हें ऊंचाई पर 6 सहकर्मियों और सभी नए कलाकारों के साथ फिल्म शूट करने में कठिनाई आई। यह फिल्म पहाड़ में रहने वाली एक अशिक्षित अकेली माता की कहानी है, जो अपने बेटे को शिक्षित करना चाहती है। यह फिल्म माता की जिंदगी के प्रत्येक दिन को दिखाता है जिसमें उसे पीड़ादायक निर्णय लेने पड़ते हैं। श्री टीशेरिंग ने कहा कि उनके देश नेपाल में निर्देशक स्वतंत्र फिल्में बनाने में दिलचस्पी दिखाते हैं।

संवाददाता सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया की फिल्म “आई एम वुमन” के निर्देशक ऊनजू मून, फिल्म ‘एक्स-द एक्सप्लोएटेड’ के निर्माता एंड्रस मुही दक्षिण अफ्रीका की फिल्म ‘फिला से काइंड’ के निर्देशक ब्रेटमाइकल इन्स मौजूद थे।

फिल्म “आई एम वुमन” गायिका हेलेन रेड्डी के जीवन पर बनी फिल्म है। हेलेन रेड्डी का 1775 का गाना “आई एम वुमन” अमेरिका में महिला आंदोलन का प्रतीक गान बन गया था। फिल्म की निर्देशक ने कहा कि जीवित लोगों पर फिल्म बनाना बड़ी जिम्मेदारी है।

हंगरी के निर्देशक करोली उज – मेसजारोस द्वारा बनायी गई फिल्म ‘एक्स-द एक्सप्लोएटेड’ एक थ्रीलर है जिसमें हंगरी के दो जासूस यह जांच करने के लिए टीम बनाते हैं कि आत्महत्या की अनेक घटनाएं वास्तव में हत्या हैं जिसकी जड़ देश के कम्यूनिस्ट अतीत में है।

डेलेन मैठी के उपन्यास पर आधारित ‘फिला से काइंड’ कारू में रहने वाली एक महिला की कहानी है जो खोए हुए श्वेत बच्चे को ले जाती है और अपना समझ कर उसका पालन पोषण करती है। आईएफएफआई की सराहना करते हुए निर्देशक ब्रेट माइकल इन्स ने कहा कि भारत में आना और यह देखना कि यहां के लोग सिनेमा को अपनाते हैं, यह बड़ा सम्मान है। ऐसा विश्व के अन्य भागों में हमेशा नहीं होता।

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