वर्ष 2020 की नवरात्रि



--डाॅ• इन्द्र बली मिश्र,
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,
वाराणसी-उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

■ कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्टूबर से हो रही है। नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसकी शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है। दसवें दिन इसका समापन होता है जिसे विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं।

शारदीय नवरात्रि सभी नवरात्रियों में सबसे अधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण नवरात्रि है। इसीलिए शारदीय नवरात्रि को महा नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि चन्द्र मास अश्विन में शरद ऋतु के समय आती है। शरद ऋतु में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के नौ दिन देवी आदि शक्ति के नौ रूपों को समर्पित होते हैं।

■ इस वर्ष घोड़े पर आएंगी मां दुर्गा

इस नवरात्रि मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर होगा। घोड़े पर आने से राजाओं में युद्व होता है।

■ महिष पर होगा प्रस्थान

इस नवरात्रि में जहां भगवती मां घोड़े पर आएंगी तो वहीं उनका प्रस्थान महिष (भैंसा) पर होगा। माता रानी रविवार और सोमवार को महिषा की सवारी से जाती है। जिससे देश में रोग और शोक की वृद्घि होती है।

■ नवरात्रि के नौ दिनों के नौ रंग

नवरात्रि के नौ दिनों के अनुसार, भक्त नौ अलग-अलग रंगों के वस्त्र पहनते हैं। यह रंग हफ्ते के दिनों के आधार पर तय किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सप्ताह का प्रत्येक दिन एक ग्रह या नवग्रह द्वारा शासित होता है। इसलिए स्वामी ग्रह के अनुसार प्रत्येक दिन का एक निश्चित रंग निर्धारित होता है।

■ कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है और इसी दिन घटस्थापना भी करते हैं। जौ बोने के साथ-साथ अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। पूरे विधि-विधान से नवरात्रि के व्रत रखने वालों को मां दुर्गा का आशीर्वाद से लाभ प्राप्त होता है।

इस बार घटस्थापना की अवधि 3 घंटे 49 मिनट की है। इसकी शुरुआत सुबह 6:23 बजे से 10:12 बजे तक रहेगा। इसके बाद अभिजित मुहूर्त शुरु हो जाएगा जो 11:43 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा।

■ नवरात्रि का प्रारंभ

● प्रतिपदा 17 अक्टूबर 2020

● अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर 2020

● नवमी 25 अक्टूबर 2020

● विजयादशमी 26 अक्टूबर 2020

नोट:- जो भक्त प्रतिपदा एवं अष्टमी का व्रत करते हैं उनका पारण नवमी को होगा तथा जो भक्त 9 दिन नवरात्रि का व्रत करते हैं उनका पारण विजयादशमी को होगा।

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