छोटा भीम, मोटू पतलू भी कर रहे हैं चुनाव प्रचार



---रंजीत लुधियानवी, कोलकाता, 14 मार्च 2019, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

कहीं पर छोटा भीम कह रहा है कि चौकीदार चोर है तो कहीं मोटू पतलू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रूप में देखा जा रहा है। चुनाव प्रचार की डुगडुगी बजते ही प्रचार शुरू हो गया है और लोगों को अपनी ओर खींचने और विरोधियों को परास्त करने की रणनीति के तहत इस बार दीवार लेखन में टीवी के पर्दे से निकल कर कार्टून चरित्र दीवारों की शोभा बढ़ा रहे हैं। हालांकि अभी तक सिर्फ तृणमूल कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है, लेकिन सभी दलों की ओर से प्रचार कार्य शुरू कर दिया गया है। ऐसी हालत में सत्ताधारी तृणमूल प्रचार के मामले में दूसरे दलों से बाजी मार गई है। हालांकि मुकाबले में टिके रहने के लिए माकपा, भाजपा, कांग्रेस की ओर से भी कई जगह दीवार लेखन किया जा रहा है, इसमें उम्मीदवार के नाम की जगह खाली छोड़ कर चुनाव चिन्ह की बनाया जा रहा है। भाजपा की ओर से एक कार्टून में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चेहरा बना कर लिख दिया गया है कि चोर मचाए शोर। दीवार लेखन का रंग जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है लोगों की रूचि भी इसे देखने में बढ़ रही है। भले ही कार्टून कैरेक्टर वोटन हीं दिलवा सकें, लेकिन लोग दीवार लेखन की तस्वीरें मोबाइल पर खींच करने अपने मित्रों को फारवर्ड जरुर कर रहे हैं।

राजनीतिक दल के नेता यह मान चुके हैं कि महज आम मुझे वोट दें वाला नारा लोगों को ज्यादा आकर्षित नहीं कर रहा है। इसलिए दीवार लेखन में नएपन के तहत कार्टून कैरेक्टर को उतारा जा रहा है। पेशेवर चित्रकारों को पेंटिंग करवाकर वहां मोदी या ममता का चेहरा लगा दिया जा रहा है। आम तौर पर राजनीतिक पोस्टर, बैनर नहीं देखने वाले लोग भी ऐसे दीवार लेखन को रुक कर देखते हैं और मोबाइल पर फोटो भी खींच कर प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं।

राजनीतिक दल के एक नेता का कहना है कि अब लोग यह पढ़ना नहीं चाहते कि इस उम्मीदवार को वोट दें या मौजूदा सरकार ने कुछ नहीं किया है। व्यंग चित्र देख कर एक बार तो लोगों का मन उसे पढ़ने को करता ही है। मालूम हो कि दीवार लेखन पुरानी प्रचार की पद्धति है, जिसका रंग धीरे-धीरे फीका पड़ रहा था। सभी राजनीतिक दल सोशल मीडिया और डिजीटल प्रचार पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में प्रचार में नयापन लाने के लिए कार्टून चरित्रों पर काम शुरू किया गया जिसका अच्छा फायदा होता दिख रहा है।

तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि दीवार लेखन, फ्लैक्स से प्रचार करने के साथ ही हम घर-घर प्रचार करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। जबकि भाजपा के एक नेता का कहना है कि ज्यादातर दीवारों पर सत्ताधारी दल ने कब्जा कर रखा है, जहां जगह मिली है हम वहां कुछ नयापन लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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