सिंगरौली, 13 मई 2019, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) पी• एम• प्रसाद ने कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के निदेशक (तकनीकी) का अतिरिक्त कार्यभार गुरुवार को संभाला। श्री प्रसाद से पहले सीएमपीडीआई के निदेशक (तकनीकी) के• के• मिश्रा इस पद को संभाल रहे थे। इस वर्ष अप्रैल में लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने बीसीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पद के लिए श्री प्रसाद के नाम की संस्तुति दी है।
श्री प्रसाद ने पिछले वर्ष फरवरी में एनसीएल में बतौर निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) अपनी सेवाओं की शुरुआत की थी। एनसीएल में एक वर्ष से अधिक के कार्यकाल में कंपनी की प्लानिंग गतिविधियों के साथ-साथ कंपनी के कोयला उत्पादन एवं उत्पादकता को नई ऊंचाई दिए जाने में श्री प्रसाद की अहम भूमिका रही है। इस अवधि में उन्होंने कुछ समय तक वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) के निदेशक (तकनीकी) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
ओपनकास्ट एवं अंडरग्राउंड कोल माइनिंग के क्षेत्र में 34 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले श्री प्रसाद एनसीएल के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) का कार्यभार संभालने से पहले नैशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) में क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (कोल माइनिंग) के पद पर कार्य करते हुए एनटीपीसी के कोल माइनिंग डिविजन को हेड कर रहे थे।
आंध्र प्रदेश के उस्मानिया विश्वविद्यालय से वर्ष 1984 के माइनिंग इंजीनियरिंग ग्रेजुएट श्री प्रसाद ने इसी वर्ष अप्रैल में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में बतौर माइनिंग इंजीनियर अपनी सेवाएं शुरू कीं तथा सीआईएल में अपनी सेवाएं देते हुए उन्होंने वर्ष 1991 में इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम) धनबाद से ओपन कास्ट माइनिंग में एम.टेक की डिग्री हासिल की। कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) एवं महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में एक तेजतर्रार माइनिंग इंजीनियर के रूप में अपनी सेवाएं देते हुए उन्होंने अपनी पदस्थापना की परियोजनाओं में सुरक्षा (सेफ्टी) से जुड़े पहलुओं का विशेष ख्याल रखते हुए उत्पादन एवं उत्पादकता से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया।
श्री प्रसाद ने मई 2015 में एनटीपीसी में बतौर इग्जेक्यूटिव डायरेक्टर (कोल माइनिंग) अपनी सेवाओं की शुरुआत करते हुए कंपनी के कोल माइनिंग डिविजन का नेतृत्व संभाला। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एनटीपीसी की कोयला परियोजनाओं में कोयला उत्पादन शुरू कराए जाने की थी। खासकर झारखंड के पकड़ीबड़वाडीह में एनटीपीसी को प्रथम आवंटित कोयला खदानकी, जिसमें विस्थापन सहित कई मुद्दों पर आ रही समस्या की वजह से कोयला उत्पादन शुरू नहीं हो पा रहा था। उन्होंने अपनी अद्भुत प्रबंधकीय क्षमताओं से झारखंड के हजारीबाग स्थित पकड़ीबड़वाडीह कोयला खदान में सुचारू रूप से कोयला उत्पादन शुरू कराया। उनकी इस पहल एवं नेतृत्व कौशल से आवंटन के लगभग 12 वर्षों के पश्चात एनटीपीसी के इस प्रथम कोयला खदान में कोयले का उत्पादन शुरू हो पाया ।
अद्भुत नेतृत्व कौशल एवं विशिष्ट कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले श्री प्रसाद को सुरक्षा (सेफ्टी) मानकों का खास ख्याल रखते हुए कार्य निष्पादन करने के लिए जाना जाता है। माइंस सेफ्टी से जुड़े सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें कोयला सचिव और कोल इंडिया अध्यक्ष से सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उनके नेतृत्व में एनटीपीसी के पकड़ी बड़वाडीह प्रोजेक्ट को वर्ष 2016 में प्रथम स्वर्ण शक्ति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।