नई दिल्ली/उत्तर प्रदेश,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने उत्तर प्रदेश में सहजनवा और दोहरीघाट के बीच (81.17 किलोमीटर) लंबी नई रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के निर्माण पर कुल 1319.75 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। परियोजना का काम 2023-24 तक पूरा हो जाएगा। परियोजना का क्रियान्वयन उत्तर पूर्वी रेलवे के निर्माण संगठन द्वारा किया जाएगा।
परियोजना ऐसी जगह शुरू की गई है जो सघन आबादी, आर्थिक रूप से पिछड़े और सड़क संपर्क सुविधाओं के अभाव वाला इलाका है। प्रस्तावित परियोजना से स्थानीय लोगों को रेल संपर्क सुविधा मिलने के साथ ही लघु उद्योगों के विकास में भी मदद मिलेगी। परियोजना की निर्माण अवधि के दौरान 19.48 लाख कार्य दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
सहजनवा से दोहरीघाट के बीच बनने वाली नई रेल लाइन का ज्यादातर हिस्सा गोरखपुर जिले और बाकी का छोटा हिस्सा उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में पड़ता है। इंदारा-दोहरीघाट के बीच रेललाइन के दोहरीकरण को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और अब दोहरीघाट-सहजनवा के बीच नई रेललाइन बनने से गोरखपुर से अलग एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा।
नई रेललाइन के बनने से अब छपरा से लखनऊ के लिए गोरखपुर होकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह रेल परियोजना स्थानीय पिछड़े क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बेहद जरूरी थी।
■ इलाहाबाद और मुगलसराय के बीच रेल संपर्क को बढ़ावा
केंद्र सरकार ने सघन रेल यातायात वाले इलाहाबाद और मुगलसराय (अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन) रेलमार्ग पर 150 किलोमीटर लंबी तीसरी रेललाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को इसका अनुमोदन किया। कुल 2649.44 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना 2023-24 तक पूरी हो जाएगी। परियोजना का क्रियान्वयन उत्तर मध्य रेलवे के निर्माण संगठन द्वारा किया जाएगा।
परियोजना भविष्य में बढ़ने वाले रेल यातायात के साथ सहजता से निपटने तथा इसके लिए आवश्यक क्षमताओं की कमी को दूर करने में मददगार होगी। वर्तमान में इस रेलमार्ग पर यात्री गाड़ियों और मालगाड़ियों पर क्षमता से अधिक दबाव है जिसके कारण कई बार गाड़ियों की आवाजाही में देरी होती है। प्रस्तावित परियोजना रेलवे की यात्री और माल परिवहन क्षमता को बढ़ाने, रेलगाड़ियों के परिचालन में होने वाली देरी को दूर करने तथा भविष्य में बढ़ते रेल यातायात से निपटने में सहायक होगी। इलाहाबाद और मुगलसराय के बीच तीसरी रेललाइन बनने से इस रेलमार्ग पर नैनी के समीप छिवकी में रेलगाड़ियों के जमाव को कम किया जा सकेगा, जिससे राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले प्रमुख रेलमार्ग पर यात्री और मालगाड़ियों का समय पर परिचालन किया जा सकेगा।
परियोजना की निर्माण अवधि में 36 लाख कार्य दिवस के प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।