छत्तीसगढ़,
इंडिया इनसाइड न्यूज़
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन• के• सिंह एवं इसके सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ में व्यापार व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
वित्त आयोग ने यह पाया :
• भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी (स्थिर मूल्य 2011 पर) की तुलना में छत्तीसगढ़ के सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानी जीएसडीपी (स्थिर मूल्य 2011 पर) वृद्धि दर में वर्ष 2012-13 से लेकर वर्ष 2018-19 तक काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं।
• छत्तीसगढ़ के सकल राज्य मूल्य वर्द्धित (जीएसवीए) में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों की हिस्सेदारी वर्ष 2018-19 में क्रमश: 44, 20 एवं 36 प्रतिशत रही।
• वर्ष 2017 के दौरान ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में सभी राज्यों के बीच छत्तीसगढ़ की छठी रैंकिंग रही।
• राज्य में प्रमुख उद्योग इस्पात, सीमेंट, अल्युमिनियम और खनिज उत्पाद आधारित जैसे कि लोहा, कोयला और चूना पत्थर हैं।
वर्ष 2017-18 के नौ महीनों के संरक्षित राजस्व की तुलना में जीएसटी राजस्व में 1589 करोड़ रुपये की कमी आंकी गई थी जो तकरीबन 22 प्रतिशत की कमी दर्शाती है।
राज्य द्वारा 15वें वित्त आयोग को दिए गए ज्ञापन के अनुसार निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं :
• सभी विभागों में ऑनलाइन आवेदन और मंजूरी के लिए एकल खिड़की सुविधा है और आवेदनों का निपटारा करने के लिए समय सीमा तय कर दी गई है (सभी सेवाओं के लिए सर्विस चार्टर को परिभाषित किया जा चुका है)।
• पर्यावरण एवं श्रम संबंधी मंजूरियों के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन की अनुमति है और जांच संबंधी आवश्यकताओं में कमी किए जाने के साथ-साथ कम्प्यूटरीकृत जोखिम आकलन की शुरुआत की जा चुकी है।
छत्तीसगढ़ में निर्माण परमिट के लिए स्थापित की गई ऑनलाइन प्रणाली को भारत में ‘सर्वोत्तम’ करार दिया गया है।
• वाणिज्यिक मामलों के निपटान में तेजी के लिए देश में पहली वाणिज्यिक अदालत नया रायपुर में स्थापित की गई है।
15वें वित्त आयोग ने निम्नलिखित आंकड़ों के कारणों को जानने की इच्छा जताई –
• जीएसडीपी की वास्तविक वृद्धि दर वर्ष 2013-14 के 10 प्रतिशत से काफी गिरकर वर्ष 2014-15 में 1.8 प्रतिशत और वर्ष 2015-16 में 2.8 प्रतिशत के स्तर पर क्यों आ गई।
• संरक्षित राजस्व की तुलना में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) संग्रह में कमी क्यों हुई।
• कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन सेक्टर की हिस्सेदारी राज्य के जीएसवीए (वर्तमान मूल्य, 2011 पर) में क्या है, जो वर्ष 2011-12 के 18 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 21 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है।
इस बैठक में जिन उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया उनमें भारतीय उद्योग परिसंघ/गोयल टीएमटी, हीरा समूह, बीएसबीके ग्रुप, उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती, सनपैक इंडस्ट्रीज, छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, जी आर माइंस एंड मिनरल्स/सीजी स्टील चैंबर और छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज शामिल थे।
15वें वित्त आयोग ने छत्तीसगढ़ के व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों द्वारा व्यक्त की गई सभी चिंताओं को नोट किया और केंद्र सरकार के समक्ष पेश की जाने वाली अपनी सिफारिशों में इन चिंताओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया।