--अभिजीत पाण्डेय,
पटना-बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
• भारतीय स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण होगा राममंदिर : चौपाल
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य 25 अप्रैल को पड़ने वाली अक्षय तृतीया से शुरू होने की संभावना है। नव गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अपनी 3 और 4 अप्रैल को होने वाली बैठक में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत की तारीख का ऐलान कर सकती है। साथ ही इस बैठक में यह भी फैसला ले लिया जाएगा कि किस एजेंसी को यह कार्य सौंपा जाएगा।
ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के मुताबिक, 25 अप्रैल को पड़ने वाली अक्षय तृतीया के आसपास किसी भी शुभ दिन पर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण कार्य के लिए कई कंपनियां प्रतिष्ठित अनुबंध प्राप्त करने की दौड़ में हैं।
मार्च के पहले सप्ताह में होने वाली एक अन्य बैठक में ट्रस्ट के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व सहयोगी नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में मंदिर निर्माण समिति द्वारा की जा रही तैयारियों को लेकर रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे।
हालांकि इससे पहले भी वीएचपी के कुछ नेता संकेत दे चुके हैं कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर शुरू हो सकता है।
चौपाल ने कहा कि नई दिल्ली में 19 फरवरी को हुई ट्रस्ट की पहली बैठक में मंदिर का निर्माण राम नवमी पर शुरू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। उन्होंने कहा, 'चूंकि राम नवमी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, इसलिए उस दिन मंदिर निर्माण शुरू करने से जिला अधिकारियों को कानून और व्यवस्था चुनौती मिल सकती है। इसलिए हमने एक और संभव तारीख चुनने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि राममंदिर का प्रारूप जिस तरह का है वैसा उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं है। जिस तरह तीर्थ स्थल विकास पर तैयारी हो रही है इसमें कोई शक नहीं कि यह मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण होगा।
श्री चौपाल के अनुसार राम जन्मभूमि में विराजमान श्री रामलला को गर्भगृह से हटाकर अस्थायी मंदिर में शिफ्ट करने की रणनीति बनाई गई है। यह मंदिर फाइबर का होगा, जिसके लिए अधिगृहीत परिसर में मानस भवन के दक्षिणी हिस्से में प्रशासन ने नाप-जोख कराई है। छह दिसंबर 1992 की घटना के बाद से ही रामलला अस्थायी टेंट में विराजमान हैं। जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, रामलला वर्तमान स्थल से शिफ्ट होकर फाइबर के मंदिर में विराजेंगे।जिससे श्रद्घालु उनके दर्शन भी कर सकें। इंजीनियरों की टीम ने इसके लिए अधिगृहीत परिसर में नाप जोख की है। रामलला को शिफ्ट करने की जगह को चिह्नित किया जा चुका है।
उन्होंने बातचीत में कहा कि राम मंदिर मॉडल में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। यह पहले तय किए गए मॉडल के आधार पर ही बनेगा। मॉडल में बदलाव से राम मंदिर निर्माण में काफी समय लगेगा।
सरकार 67 एकड़ जमीन और उससे जुड़ी भूमि को मिलाकर नया राजस्व ग्राम श्रीरामलला विराजमान बनाने की तैयारी कर रही हैै। आसपास की कुछ और जमीनों के अधिग्रहण के बाद इसका पूरा क्षेत्र करीब 100 एकड़ तक हो सकता है। सूत्रों का दावा है कि श्रीरामलला राजस्व ग्राम अयोध्या नगर निगम में दर्ज होकर श्रीरामलला शहर हो जाएगा, इसकी कवायद शुरू हो चुकी है।