--अभिजीत पाण्डेय,
पटना-बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा में मेधा की असली परख होती है। यह आम धारणा है। और मेधा ही कुछ कर गुजरने का जुनून पैदा करती है। सबूत सामने है। आंकड़े बताते हैं कि देश के ‘स्टील फ्रेम’ का चयन करने वाले सिविल सर्विस की परीक्षा में बिहार का स्थान शीर्ष के दो सफलतम राज्यों में से एक हैं। आईएएस कैडर के देश में कुल 4964 अधिकारी हैं। इनमें अकेले बिहार से 416 अधिकारी शामिल हैं। संख्या के मामले में सिर्फ उत्तर प्रदेश ही बिहार से आगे है जहां से आईएएस अधिकारियों की संख्या 788 है। हालांकि वहां की आबादी भी बिहार से दोगुनी है।
उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला है। उत्तर प्रदेश में 2.90 लाख में एक, बिहार में 2.87 लाख में एक, महाराष्ट्र में 3.74 लाख में एक व्यक्ति आईएएस बना है।
• उत्तर प्रदेश-788,
• बिहार-416,
• राजस्थान-383,
• तमिलनाडु-368,
• महाराष्ट्र-323
आईएएस कैडर के सेलेक्शन में बिहारी दबदबा पिछले 20 वर्षों में कुछ कम हुआ है। इस अवधि में 3655 लोग आईएएस बने हैं, जिसमें 215 बिहार के हैं। इस अंतराल में हर 17वां आईएएस बिहार से चुना गया। यदि बीते 10 वर्षों के अंतराल को देखें जिसमें 2016 अधिकारी चुने गए तो हर 15वां आईएएस बिहार का है।
देश भर में आईएएस कैडर में शामिल कुल अधिकारियों में लगभग दो-तिहाई 10 राज्यों में ही हैं। इन टॉप 10 राज्यों से ही 3357 अधिकारी आईएएस कैडर में हैं। इसमें 416 अफसर बिहारी हैं। टॉप 10 राज्यों के आंकड़ों के आधार पर हर आठवां अधिकारी बिहारी है।