अब इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी पर सरकार की नजर - संजय कुमार



--अभिजीत पाण्डेय,
पटना-बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

कोरोना के बीच सरकार ने इन्फ्लूएंजा की तरह की बीमारी और सिवियर एक्यूट रेस्पेटरी इलनेस जैसी बीमारी की पहचान कर इसे नियंत्रित करने की दिशा में काम करने शुरू कर दिए हैं।

कोरोना को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी कई स्तरों पर प्रयासरत है। पहले फेज में राज्य में कोरोना को काफी हद तक नियंत्रित में रखा गया है। अब सरकार की कोशिश इस बात को लेकर है कि यह महामारी कम्युनिटी स्तर पर पांव ना पसार सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

कोरोना के बीच सरकार ने इन्फ्लूएंजा की तरह की बीमारी (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) और सिवियर एक्यूट रेस्पेटरी इलनेस (एसएआरआइ) जैसी बीमारी की पहचान कर इसे नियंत्रित करने की दिशा में काम करने शुरू कर दिए हैं। इस कार्य का दायित्व जिलाधिकारियाें और सभी जिले के सर्विलांस अफसरों को सौंपा गया है। ये दोनों अधिकारी इस कार्य के नोडल अफसर होंगे। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सरकार के फैसले की जानकारी एक पत्र के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को दी है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि आइएलआइ और एसएआरआइ के लक्षण कमोबेश कोरोना की ही तरह हैं। इसलिए आवश्यक है कि इन बीमारियों पर नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की ऐसी जानकारी है कि हाल के दिनों में इन्हीं दो बीमारियों से ग्रसित लोग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। इस स्थिति में आवश्यक हो गया है कि इन दो बीमारियों के मरीजों पर नजर रखी जाए। इस बीमारी को रोकने के क्या उपाय किए जा सकते हैं और अस्पतालों से समन्वय भी बनाया जाए। वहीं, उन्होंने कहा कि सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों से भी समन्वय होना चाहिए और बीमारी को नियंत्रित करने की कोशिश होनी चाहिए।

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