बिजली मंत्री ने अम्‍फान के बाद बिजली सेवाएं बहाल करने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की



नई दिल्ली,
ओडिशा, प• बंगाल,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

केन्द्रीय बिजली मंत्री आर• के• सिंह ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अम्‍फान चक्रवात के बाद बिजली सेवाएं बहाल करने की प्रगति के बारे में सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य अपर सचिव, विद्युत; और ओडिशा के प्रधान सचिव, विद्युत; विभिन्‍न वितरण कंपनियों के सीएमडी, बिजली सचिव, भारत सरकार; अपर सचिव, विद्युत; सीएमडी, पावरग्रिड और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिजली सेवा बहाल करने की प्रगति की समीक्षा की।

इस अवसर पर, श्री सिंह ने कहा कि चक्रवात के कारण बिजली व्‍यवस्‍था में लंबा व्यवधान आया है, लेकिन सेवा बहाली का काम तेजी से किया गया है। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्‍यीय पारेषण (ट्रांसमिशन) प्रणाली को कुछ ही घंटों में बहाल कर दिया गया और केन्‍द्रीय विद्युत सार्वजनिक उपक्रमों ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय बिजली आपूर्ति की बहाली के लिए मानव संसाधन भी प्रदान किए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ओडिशा में सोमवार शाम तक बिजली सेवा की बहाली पूरी हो जाएगी नहीं कोलकाता व पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य जिलों में काम चल रहा है।

उन्‍होंने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि पहले से उपलब्ध मानव शक्ति/सहायता के अलावा वे एनटीपीसी और पावरग्रिड के माध्यम से अतिरिक्त मानव शक्ति जुटाएं और उन्हें पश्चिम बंगाल के बिजली विभाग को उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें बिजली सेवा बहाल करने के काम में सहायता मिल सके। वे राज्य सरकार, पश्चिम बंगाल के संपर्क में रहेंगे, ताकि जो भी आवश्यक हो, उन्हें प्रदान किया जा सके।

समीक्षा बैठक को पिछले मंगलवार को बिजली मंत्रालय के बयान की पृष्ठभूमि में देखा जा सकता है कि उसने चक्रवाती तूफान अम्‍फान के मद्देनजर बिजली आपूर्ति को संभालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था/तैयारियां कर ली थीं। पीजीसीआईएल और एनटीपीसी द्वारा भुवनेश्वर और कोलकाता में 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए थे। साथ ही पीजीसीआईएल मुख्‍यालय/मानेसर में 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया था। तूफान के कारण यदि राज्‍य की ट्रांसमिशन लाइनों और अन्‍य विद्युत बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान हो तो इसके लिए मंत्रालय ने राज्य पॉवर यूटिलिटीज को सभी आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया था। प्रमुख स्‍थानों पर आपातकालीन बहाली प्रणाली (ईआरएस) (400 केवी पर 32 और 765 केवी में 24) के साथ पर्याप्त मानव शक्ति को पहले से ही रखा गया था, जिनका उपयोग किसी भी ट्रांसमिशन टॉवर के ढहने और ट्रांसमिशन लाइनों के बाधित होने पर किया जाना था।

■ केन्‍द्र पश्चिम बंगाल में राहत और पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहा है

पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान से प्रभावित क्षेत्रों में तालमेल के प्रयासों और पुनर्वास उपायों को जारी रखते हुए, राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सोमवार को कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में पांचवीं बार बैठक की।

प्रधानमंत्री द्वारा अपने हवाई सर्वेक्षण और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ राहत प्रयासों की समीक्षा के बाद की गई घोषणा के अनुसार राज्य सरकार को 1,000 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए प्रदान की गई सहायता के लिए केन्‍द्र को धन्यवाद दिया। राज्य के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाओं की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में दूरसंचार सम्‍पर्क बहाल कर दिया गया है, लेकिन स्थानीय बिजली वितरण नेटवर्क को नुकसान ने कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की पूर्ण बहाली को प्रभावित किया है। इन प्रयासों में केन्‍द्रीय एजेंसियों को पड़ोसी राज्यों की टीमों के साथ तैनात किया गया है।

इस बीच, कोलकाता में सड़क पर यातायात बहाली के लिए उनकी सफाई के काम में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के साथ सेना को तैनात किया गया है।

पुनर्वास कार्यों में हुई प्रगति को देखते हुए, कैबिनेट सचिव ने सलाह दी कि बिजली की पूर्ण कनेक्टिविटी, दूरसंचार सेवा और पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जाना चाहिए। केन्‍द्रीय एजेंसियां राज्य की जरूरतों के मुताबिक किसी भी प्रकार की सहायता देने के लिए तैयार हैं। राज्य की मांग के आधार पर खाद्यान्न के पर्याप्त भंडार भी आपूर्ति के लिए तैयार रखे गए हैं।

गृह मंत्रालय जल्द ही नुकसान का आकलन करने के लिए एक केन्‍द्रीय दल भेजेगा।

कैबिनेट सचिव ने यह भी सुझाव दिया कि पश्चिम बंगाल सरकार अपनी अतिरिक्त आवश्यकताओं के बारे में संकेत दे सकती है और केन्‍द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर प्रकार की आवश्‍यक सहायता तेजी से प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के साथ नजदीकी तालमेल बनाकर रखे।

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एनसीएमसीकी बैठक में भाग लिया। बैठक मेंगृह मंत्रालय, बिजली, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, स्वास्थ्य, पेयजल और स्वच्छता, एचक्‍यू आईडीएस, एनडीएमए और एनडीआरएफाल्सो के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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