श्रावण मास का महत्व



--डाॅ• इन्द्र बली मिश्र,
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,
वाराणसी-उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस मास में प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। श्रावण मास के विषय में प्रसिद्ध पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावण मास के सोमवार व्रत, जो व्यक्ति करता है उसकी सभी इछाएं पूर्ण होती है।

■ इस वर्ष श्रावण मे होंगे पाँच सोमवार

● श्रावण मास का प्रारंभ -

• सोमवार, 06 जुलाई 2020 पहला सोमवार व्रत

• सोमवार, 13 जुलाई 2020 दूसरा सोमवार व्रत

• सोमवार, 20 जुलाई 2020 तीसरा सोमवार व्रत

• सोमवार, 27 जुलाई 2020 चौथा सोमवार व्रत

• सोमवार, 03 अगस्त 2020 पांचवां सोमवार व्रत (श्रावण मास का अंतिम दिन)

■ कैसे करें लॉकडाउन में भगवान शिव का पूजन

विश्व में व्याप्त करोना नामक बीमारियों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना एवं पूजन अपने घर में भी संक्षिप्त रूप से कर सकते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव भक्तों के भक्ति पर प्रसन्न होते हैं अतः बाबा भोले शंकर शिव की पूजा भक्ति भाव से करें।

श्रावण मास की किसी भी तिथि या दिन को विशेषतः सोमवार को प्रातःकाल उठकर शौच-स्नानादि से निवृत्त होकर त्रिदल वाले सुन्दर, साफ, बिना कटे-फटे कोमल बिल्व पत्र, अक्षत, रोली, चंदन, भस्म, धूप, दीप, नैवेद्य, सुन्दर साफ लोटे या किसी सुंदर पात्र में जल, यदि संभव हो सके तो गंगाजल लें। तत्पश्चात भगवान शिव जी की पूजन कर जल अर्पण करें।

अगर किसी के घर में यह सब सामग्री उपलब्ध ना हो तो आप बिल्कुल परेशान ना हो भगवान शिव का मनसोपचार पूजन कर सकते हैं साथ में भगवान शिव का पंचाक्षर मंत्र एक माला ''ॐ नमः शिवाय'' का जप करें। अगर आपके घर में शिवलिंग हो तो उस शिवलिंग पर जल अथवा गाय का दूध उपलब्ध हो तो चढ़ावे, अगर किसी के घर में शिवलिंग ना हो तो मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजन कर सकता है।

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