--संजय पाठक,
वाराणसी-उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
कोरोना काल में बीएचयू की कारगुजारी को लेकर सत्ता दल के साथ-साथ विरोधी भी सवाल उठा रहे हैं। बीएचयू प्रशासन का शर्मसार करने वाले विगत मामलो के अलावा बुधवार 12 अगस्त का मामला बेहद शर्मनाक बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कोरोना की जद में आए एडिशनल सीएमओ डाक्टर जंगबहादुर की बुधवार तड़के मौत हो गई थी। बीएचयू प्रशासन ने बेटे युद्धवीर राव को इसकी सूचना दी। कोरोना संक्रमित होने के कारण शव को देखने की इजाजत परिजनों को नहीं थी। बेटे ने हरिश्चंद्र घाट पर उनका दाह संस्कार किया। दाह संस्कार के दौरान एक और परिवार पहुंचा और लाश की अदलाबदली की बात बताई।
बीएचयू की लापरवाही से दंग परिवार ने जब अधजली लाश का चेहरा देखा तो होश उड़ गए। जिसका पिता समझकर युद्धवीर दाह संस्कार कर रहा था, वह कोरोना से गाजीपुर के केशव श्रीवास्तव का था। केशव श्रीवास्तव के परिजन भी बीएचयू की इस लापरवाही के चलते क्षुब्ध थे। आननफानन में युद्धवीर अपने पिता का शव लेने के लिए बीएचयू भागे।
इस मामले की जानकारी होने पर वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। बीएचयू प्रशासन की घोर लापरवाही है। इस मामले में जांच कराई जा रही।