--विजया पाठक (एडिटर - जगत विजन),
भोपाल-मध्य प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
■ कांग्रेस पार्टी आलाकमान के सामने अपनी छवि को दुरुस्त करने, ब्रांडिंग में करोड़ो रुपए फूंक रहे भूपेश बघेल
■ राजस्थान में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन में गैर गांधी परिवार से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की फिराक में हैं भूपेश बघेल?
संलग्न छायाचित्रों में भूपेश बघेल की ब्रांडिंग करने के जो पोस्टर लगे हैं, वह राजधानी रायपुर के नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली के हैं। पूरी दिल्ली में बस यही चर्चा है कि नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के विज्ञापनों के पोस्टर डिस्प्ले करने का क्या तात्पर्य है। पोस्टर के माध्यम से भूपेश बघेल पूरी दिल्ली में छाए हुए हैं। 24 अकबर रोड के सूत्रों से खबर मिली है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने आप को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में प्रोजेक्ट करने के तहत इन विज्ञापनों के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं। बघेल का मानना है कि कांग्रेस के दूसरे मुख्यमंत्रियों की तुलना में उनका परफॉर्मेंस कहीं अच्छा है। इसके साथ ही इस समय उनका कद राष्ट्रीय स्तर पर बहुत बढ़ गया है।
खैर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की स्थिति अलग है। अश्लील सीडी कांड में सुप्रीम कोर्ट में तारीख पे तारीख मिलने के कारण इनको अभयदान मिला हुआ है। इसके साथ ही इनकी खास महिला अधिकारी की दोस्ती से काफी चर्चा में हैं। कुछ अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामले राज्य में चरम पर पहुंच गए हैं। अब भूपेश बघेल विज्ञापन के माध्यम से अपनी ब्रांडिंग कैसे कर सकते हैं। खुद को जनता की परम हितैषी बताने वाली भूपेश बघेल सरकार राज्य के किसानों और अन्य लोगों के लिए कितनी संवेदनशील है यह कहना तो मुश्किल है। राज्य की माली हालत बिगड़ी होने के चलते एक तरफ जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ केंद्र से मिलने वाली सहयोग राशि को वो राज्य के विकास में लगाने के बजाय खुद की ब्रांडिंग में खर्च कर रहे हैं।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ देश के उन पांच राज्यों की सूची में शामिल है जो कर्ज में डूबे हैं। इस सूची में छत्तीसगढ़ के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। एक बात जो ध्यान देने वाली बात है कि हाल ही में राज्य में संपन्न हुई विधानसभा में खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में इस बात को स्वीकार किया है कि राज्य सरकार पर कुल 57,848 करोड़ रुपये का कर्ज है। बघेल ने बताया कि राज्य में एक दिसंबर 2018 से 31 जनवरी 2020 तक 17,729 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। राज्य में अधोसंरचना और अन्य विकास कार्यों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार ऋण, नाबार्ड की ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि तथा एशियाई विकास बैंक/ विश्व बैंक से कर्ज लिया गया है।
अब समझने वाली बात यह है कि जब राज्य पर इतना बड़ा कर्जा है तो फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देश की राजधानी दिल्ली में अपनी किस बात के लिए ब्रांडिंग कर रहे हैं। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार प्रसार राज्य के अंदर करने के बजाय मुख्यमंत्री देश की राजधानी में करोडों रुपए खर्च कर ब्रांडिंग कर रहे हैं। जब राज्य में बजट का इतना अभाव है तो यह कौन सा समय है जब मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रमुख कार्यों को ठंडे बस्ते में डालकर खुद की ब्रांडिंग पर पूरा प्रशासनिक अमला झोंक दिया।
बघेल द्वारा चली गई इस चाल से राजनीति गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि बघेल की अब नजर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष पद पर है। जाहिर है कि बघेल के इशारों पर ही 27 अक्टूबर 2017 को पूर्व मंत्री राजेश मूणत की कथित सीडी बनवाई गई थी। बाद में यह मामला उजागर होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया था। छत्तीसगढ़ सेक्स सीडी कांड की जांच कर रही सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। जाहिर है कि इस पूरे मामले से खुद को बचाए रखने के लिए भूपेश बघेल पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिलने भी पहुंचे थे। अब इस स्थिति में भूपेश बघेल विज्ञापनों के माध्यम से ही अपने आप को पार्टी के शीर्ष पद के लिये ताल ठोक सकते हैं। उनकी इस सोच पर तरस ही आ सकता है।