देश के हर जिले में अब खुलेगा जानवरों के लिए ट्रामा सेंटर



--अभिजीत पाण्डेय
पटना-बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

देश के हर जिले में अब मवेशियों के लिए भी ट्रामा सेंटर खुलेगा। इस ट्रामा सेंटर में मवेशियों के साथ-साथ एटेंडेंट की भी ठहरने की व्यवस्था होगी। ट्रामा सेंटर में मवेशियों के लिए वार्ड, एटेंडेंट के ठहरने के लिए भवन और एम्बुलेटरी वैन सहित कई अन्य सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी। मवेशियों के गहन शल्य चिकित्सा के लिए मोदी सरकार ने अब सभी राज्य सरकारों को ट्रामा सेंटर खोलने का निर्देश जारी किया है।

केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह गायों की आकस्मिक मौत को लेकर काफी गंभीर हैं। हाल ही पशुपालन मंत्रालय ने सभी राज्य सराकरों को इसके लिए पत्र लिखा है। बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों ने भी इस पर अमल करना शुरू कर दिया है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार ने गायों को लेकर देशव्यापी परीक्षा कराने के ऐलान किया था। अब देश के हर जिले में मवेशियों के लिए ट्रॉमा सेंटर खोलने का भी फैसला लिया गया है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने पिछले ही दिनों गायों को लेकर 'राष्ट्रीय कामधेनु आयोग' का गठन किया था। 25 फरवरी 2021 से राष्ट्रीय स्तर पर कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा कराने की शुरुआत होगी। मंत्रालय का मानना है कि गाय में एक पूरा विज्ञान है, जिसे खंगाला जाना अब जरूरी हो गया है। देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाने में यह एक अहम भूमिका निभाएगा।

बिहार सरकार ने भी सात निश्चय प्रोग्राम के तहत अब हर अनुमंडल में मवेशियों के गहन शल्य चिकित्सा के लिए ट्रामा सेंटर खोलने का फैसला किया है। बिहार सरकार ने इसके लिए सभी जिलों के डीएम को हरी झंडी दे दी है। इस ट्रामा सेंटर पर पशुओं के लिए वार्ड, उनके एटेंडेंट के हरने के लिए भवन, पशुओं के लाने के लिए एम्बुलेटरी वैन सहित अन्य आवश्यक सेवाओं एवं कार्यों के लिए भवन बनाए जाएंगे।

केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय की मानें तो मनुष्य की तरह ही पशुओं का भी समुचित इलाज सुनिश्चित कराने की दिशा में यह एक सार्थक पहल है। ट्रामा सेंटर में पशुओं को छोटा और गंभीर दोनों तरह की बीमारी का इलाज किया जाएगा। साथ ही गहन चिकित्सा के लिए उनकी भर्ती भी होगी। इसके लिए वार्ड बनाए जाएंगे। ट्रामा सेंटर में हॉलनुमा कई कमरे होंगे। एक हॉल में 10 बड़े जानवर रखें जा सकेंगे।

हर ट्रामा सेंटर के लिए कम से कम 5 एम्बुलेटरी वैन की फिलहाल व्यवस्था की जाएगी। एम्बुलेटरी वैन से गहन चिकित्सा के लिए पशुओं को ट्रामा सेंटर लाया जाएगा। हर ट्राम सेंटर में इलाज के लिए दो से तीन शल्य चिकित्सक के अलावे एक समान्य पशु चिकित्सकों की भी तैनाती होगी। इसके साथ ही सहायकों और एटेडेंट्स की भी भर्ती होगी।

इतना ही नहीं पशु के साथ आने वाले पशुपालकों के रहने के लिए अलग से वार्ड बनेगा। इसके अलावा शल्य चिकित्सा के समान एवं दवा रखने के लिए स्टोर भी बनेंगें। एम्बुलेटर वैन में जानवरों के चिकित्सा के सारे उपकरण लगे रहेंगे। बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी शुरुआत भी हो गई है। बिहार के कई जिले और अनुमंडलों में इस पर तेजी से काम चल रहा है। फिलहाल बिहार में पटना में इस तरह की व्यवस्था है, जिसे अब राज्य के दूसरे जिले में भी बढ़ाया जा रहा है।

गौरतलब है कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अभी एक बीमारी फैली हुई है, जिससे हर रोज हजारों जानवरों की मौत हो रही है। पशुओं में कई तरह की गंभीर बीमारी को देखते हुए अब हर जिले में ट्रामा सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया है। इलाज की व्यवस्था नहीं होने से जानवर की मौत हो रही है तो दूसरी तरफ पशु पालक भी भटकते रह रहे हैं। ऐसे में ट्रामा सेंटर के खुलने से मोदी सरकार की यह योजना काफी कारगर साबित हो सकती है।

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