मो• रफ़ी विश्व के धरोहर : डॉ• ध्रुव कुमार



--एकलव्य कुमार,
पटना सिटी-बिहार,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

स्वरांजलि संस्था की ओर से शनिवार को स्वर सम्राट, हरदिल अज़ीज़ मोहम्म्द रफ़ी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर जेम्स बैंड द्वारा उन्हें संगीतमयी श्रद्धांजली दी गई। कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए शिक्षाविद और संगीत मर्मज्ञ डॉ0 ध्रुव कुमार नें कहा कि मो• रफ़ी साहेब विश्व के धरोहर हैं। उनकी गायकी का आज भी कोई सानी नहीं है। उन्होंने युवा पीढ़ी से अपनी सांगितिक विरासत को सहेजने का आव्हान करते हुए कहा कि रफी साहेब ने संगीत के सभी पहलुओं पर अपनी आवाज लोहा श्रोताओं और दर्शकों को दिल से मनवाया है।

उन्होंने रफी साहेब को याद करते हुए कहा कि उनके गाये गीत "मन तड़पत हरि दर्शन को .....आज भी सुनता हूँ तो बेचैन दिल को अंतहीन सकून मिलता है। उनके गाने रोजगार परक हैं और लाखों गायकों के जीवन यापन के आधारस्तंभ हैं। मैं उन्हें और दिवंगत युवा वादक कलाकार अप्पू गुप्ता को श्रधांजलि अर्पित करता हूँ।

कार्यक्रम की शुरुआत मो• रफ़ी के चित्र पर पुष्प-माला अर्पित कर की गईं। रफ़ी की याद में गानों का दौर टी-सीरीज के प्रख्यात गायक डॉ• वसंत पंचानन ने.... जब जब बहार आए... तुम मुझे याद आए.... और क्या हुआ तेरा वादा वो कसम वो इरादा... गाने के साथ किया। इसके बाद मो• ताज ने बर्बाद मुहब्बत की दुआ...। तेरी ज़बानी तपता महीना ...। आलोक चौबे ने पत्थर के सनम तुझे हमने .......। दिन ढ़ल जाए हाय याद न जाय...। संजीव प्रियदर्शी ने तुम मुझे यूं भुला न पाओगे...। खिलौना जानकर तुम तो मेरा...। पप्पू गुप्ता ने दिल का सूना साज तराना ढूंढेंगा..। नफ़रत की दुनियाँ को छोड़कर...। अनिल रश्मि ने बड़ी दूर से आए हैं...। आने से उसके आए बहार सतराज ने वो जब याद आए बहुत याद आए, जिम्मी गुप्ता ने एक हंसी शाम को ... और आलोक चोपड़ा ने तेरी आंखों के सिवा... गीत गाकर रफ़ी की याद ताजा कर दी। संगीत वाद्य यंत्र वादन पप्पू गुप्ता, जिम्मी गुप्ता, सतराज पनवार, आदित्य राज, काली पनवार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जितेंद्र कुमार पाल ने तथा मंच संचालन अनिल रश्मि ने किया।

कार्यक्रम के दौरान डॉ• करुणानिधि, दूधेश्वर प्रसाद गुप्ता, राजा पुट्टु, नितिन कुमार वर्मा, नेक आलम, बब्लू सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे।

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