--डॉ प्रियंका सिंह
वाराणसी-उत्तर प्रदेश
इंडिया इनसाइड न्यूज।
● आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो एस एन संखवार ने लंका थाने में दर्ज कराई एफआईआर
● आरोपी डॉ उदय भान सिंह एवं रजनी सिंह ने जाली हस्ताक्षर और फर्जी दस्तावेज लगाकर भरा है टेंडर
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो एस. एन. संखवार की तहरीर पर शुक्रवार की रात डॉ उदय भान सिंह एवं रजनी सिंह, निदेशकगण, नोबल स्टार हेल्थ सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, रश्मिनगर व अन्य के विरुद्ध लंका थाने में धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा का केस दर्ज हो गया।
निदेशक प्रो संखवार द्वारा हुई एफआईआर में डॉ उदय भान सिंह एवं रजनी सिंह पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 336 (3), 338, 340 (2), 318 (4), 61(2)(a) के अंतर्गत दर्ज मामले में आरोप है कि इन्होंने सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू में जारी टेंडर में सहभागिता करने के लिए कूटरचित एवं फर्जी दस्तावेज लगाए तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों के जाली हस्ताक्षर कर फर्जी समझौता पत्र लगाकर बीएचयू प्रशासन को धोखा देने का प्रयास किया।
• फर्जी एवं कूटरचित अनुभव प्रमाण पत्र
निदेशक प्रो संखवार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोपी डॉ उदय भान सिंह एवं रजनी सिंह के विरुद्ध आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में डायग्नोस्टिक इमेजिंग के आपरेशन, मेंटेनेंस एवं मैनेजमेंट सेवा के लिए 14 अगस्त 2024 को प्रकाशित टेंडर के सापेक्ष दुर्भावनापूर्ण एवं तकनीकी का दुरुपयोग कर कानपुर स्कैन्स अल्ट्रासाउंड एवं इमेजिंग सेंटर, कानपुर और डॉ जायसवाल इमेजिंग क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड, गोरखपुर के साथ व्यापारिक कॉन्ट्रैक्ट होना प्रदर्शित किया। वहीं आरोपी डॉ उदय भान सिंह एवं रजनी सिंह द्वारा निविदा में कॉन्ट्रैक्ट के स्थान पर दोनों प्रतिष्ठानों के अनुभव प्रमाण पत्र दाखिल किए गए।
जब सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू प्रशासन ने दोनों संस्थाओं को रजिस्टर्ड डाक द्वारा पत्र लिखकर आरोपी के दस्तावेजों का सत्यापन कराया तो दोनों जगहों से कोई जवाब नहीं मिला। दूसरी बार अस्पताल प्रशासन की ओर से दोनों संस्थाओं को ईमेल द्वारा सत्यापन कराया गया तो गोरखपुर डॉ जायसवाल इमेजिंग व अन्य अभियुक्तों द्वारा बार बार बयान बदला गया। इस कूटरचित दस्तावेजों की छानबीन पर सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू की 9 सदस्यीय उच्च स्तरीय तकनीकी मूल्यांकन समिति ने अपनी आख्या में दोनों ही प्रतिष्ठानों के अनुभव प्रमाण पत्रों को कूटरचित एवं फर्जी घोषित किया था।
• रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों के जाली हस्ताक्षर
आईएमएस बीएचयू के निदेशक द्वारा दर्ज एफआईआर में आरोपी डॉ उदय भान सिंह एवं रजनी सिंह पर सात रेडियो लॉजिस्ट डॉक्टरों के जाली हस्ताक्षर कर टेंडर में समझौता पत्र लगाने का आरोप है। इसमें शहर के प्रतिष्ठित रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शामिल हैं, जिनके जाली दस्तख़त बनाकर एमओयू तैयार किए गए।
आरोपी डॉ उदय भान सिंह एवं रजनी सिंह द्वारा जो समझौता पत्र लगाया गया है उसमें कुछ ऐसे डॉक्टरों के समझौते हैं जो ख्यात सोनोग्राफिस्ट हैं। उनका सीटी स्कैन और एमआरआई से कोई सरोकार ही नहीं है।
आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो एस एन संखवार द्वारा दर्ज कराया गया यह मामला विश्वविद्यालय के दृढ़ निश्चय को दर्शाता है। इस संकल्प को भी दर्शाता है कि बीएचयू में किसी भी तरह की धोखाधड़ी पर जीरो टॉलरेंस की नीति ही चलेगी।