 
                        --प्रदीप फुटेला
देहरादून - उत्तराखंड
इंडिया इनसाइड न्यूज।
●वियूषी चौहान की मॉडलिंग यात्रा: संघर्ष, जुनून और सफलता की कहानी
वियूषी चौहान (खुशबू) आज देहरादून की एक जानी-पहचानी सोशल मीडिया शख्सियत और "मिस ब्रांडफेस ऑफ देहरादून" का खिताब जीतने वाली इंस्टा क्वीन हैं। लेकिन उनकी यह चमकदार सफलता अचानक नहीं मिली। इसके पीछे छुपी है एक लंबी, कठिन और प्रेरणादायक यात्रा, जिसमें उन्होंने अकेले अपने सपनों को संजोया, समाज के तानों को सहा और अंततः अपनी एक अलग पहचान बनाई।
28 वर्षीय वियूषी का कद 5 फीट है, उनके भूरे बाल और आकर्षक फिगर उन्हें एक परफेक्ट मॉडल बनाता है। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी बात यह रही कि उन्होंने खुद को कभी कम नहीं आंका, भले ही दुनिया उन्हें कमतर समझती रही। शुरुआत में न तो परिवार ने उनका साथ दिया और न ही समाज ने उन्हें गंभीरता से लिया। “मेरा सपोर्ट किसी भी फैमिली ने नहीं किया था,” वियूषी भावुक होते हुए कहती हैं। लोग उनके सपनों पर हँसते थे, ताने मारते थे और उन्हें बार-बार हतोत्साहित करते थे।
लेकिन वियूषी ने हार मानने के बजाय अपने भीतर की आग को और तेज़ कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया और इंस्टाग्राम पर धीरे-धीरे अपनी पहचान बनानी शुरू की। फोटोशूट, रील्स और मोटिवेशनल वीडियो के जरिए उन्होंने न सिर्फ अपनी प्रतिभा दिखाई, बल्कि उस आत्मविश्वास को भी दुनिया के सामने रखा, जिसे कोई तोड़ नहीं पाया। कुछ वीडियो वायरल हुईं और वहीं से उन्हें पहचान मिलनी शुरू हुई।
इस सफर में अगर कोई उनके साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा, तो वो उनके पति थे। "मेरे पति ने मेरा पूरा सपोर्ट किया, बस और किसी ने नहीं," वियूषी साफ शब्दों में कहती हैं। उनके पति ने न सिर्फ भावनात्मक समर्थन दिया, बल्कि हर कदम पर उनका मनोबल बढ़ाया। वियूषी मानती हैं कि अगर उनके पति का साथ न होता, तो शायद वे इस मुकाम तक नहीं पहुँच पातीं। ऋषिकेश के एक स्थानीय रिसॉर्ट में आयोजित समारोह में वियूषी को "मिस ब्रांडफेस ऑफ देहरादून" का सम्मान मिला। यह पल उनके लिए सिर्फ एक पुरस्कार नहीं था, बल्कि उनके संघर्षों की जीत थी। आज वियूषी न केवल एक सफल मॉडल हैं, बल्कि सैकड़ों युवतियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
वियूषी की कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। सोशल मीडिया के इस दौर में उन्होंने अपने आत्मबल, लगन और हिम्मत से खुद को स्थापित किया। वियूषी जैसी महिलाएं यह संदेश देती हैं कि चाहे हालात जैसे भी हों, अपने सपनों को मत छोड़ो - क्योंकि जो ठान लिया, वही जीवन की दिशा तय करता है।
 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                				 
                				 
                				 
                				 
                				 
                				