देश को यह मालूम हो कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन आतंकवाद के खिलाफ : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह



नई दिल्ली, 16 जुलाई 2019, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

अमित शाह ने कहा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने वाली किसी एजेंसी को और ताकत देने की बात हो और सदन एक मत न हो, इससे आतंकवाद फैलाने वालों का मनोबल बढ़ता है। मैं सभी दलों के लोगों से कहना चाहता हूं कि ये कानून देश में आतंकवाद से निपटने में सुरक्षा एजेंसी को ताकत देगा।

श्री शाह ने कहा पोटा को भंग करना उचित नहीं था, ये पूर्व के सुरक्षा बलों के अधिकारियों का भी मानना है। इससे आतंकवाद इतना बढ़ा कि स्थिति काबू में नहीं रही और एनआईए को लाने का फैसला किया गया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा हमें उन विधवाओं और उन परिवारों की भी चिंता है जो आतंकवाद के कारण प्रभावित होते हैं।

श्री शाह ने बताया कि एन.आई.ए. विशेष कोर्ट को डेजिग्नेट करने से उस कोर्ट के जज के स्थानांतरण आदि के कारण कोर्ट खाली नहीं रहेगी और समय पर केस का निपटारा हो पायेगा। एन.आई.ए. अदालत के जजों की नियुक्ति संबंधित उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश ही करते रहेंगे, जिस तरह अभी प्रक्रिया चल रही है। आतंकवाद के विषय पर केंद्र सरकार राज्‍यों के साथ मिलकर काम करेगी। दोनों में तालमेल रहेगा।

एन.आई.ए. ने 272 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की। इनमें 52 मामलों में फैसले आये और 46 में दोषसिदधी हुई। 99 मामलों में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। गृह मंत्री ने सदन को बताया कि एन.आई.ए. का रिकॉर्ड 90 परसेंट सफलता का है, जो अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर भी उत्‍कृष्‍ट है।

अमित शाह ने कहा कि समझौता ब्लास्ट में कुछ लोगों को पकड़ा गया था, भारत के अलावा अमेरिकन एजेंसियों ने भी कहा कि इन लोगों ने समझौता ब्लास्ट किया किंतु पकड़े गए लोगों को छोड़ा गया उसके बाद दूसरे लोगों को पकड़ा गया। यह पूछा जाना चाहिए था कि जिन्होंने ब्लास्ट किया था उनको क्यों छोड़ा गया और किसके कहने पर छोड़ा गया।

श्री शाह ने कहा कि जब आप किसी के खिलाफ उंगली करते हैं तो एक उंगली उसके खिलाफ होती है किंतु अपनी तरफ चार उगलियाँ इशारा करती हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा आतंकवाद ना तो लेफ्ट होता है ना राइट होता है, केवल आतंकवाद होता है। इसके खिलाफ लड़ने की सरकार, संसद, सभी राजनीतिक दलों की जिम्‍मेदारी है। अगर एन.आई.ए. बिल पर संसद बंट गई तो आतंकवादियों का मनोबल बढ़ेगा।

अमित शाह ने सदन में मांग की कि एनआईए संशोधन बिल पर डिवीजन होना चाहिए ताकि देश को यह मालूम हो कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन आतंकवाद के खिलाफ।

संसद में बोलते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि राज्य की एजेंसिया एन.आई.ए. के साथ मिलकर कार्य करेंगी किंतु राज्य सरकार के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। उनका कहना था कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिये राज्य तथा केंद्र के बीच सामंजस्य होना चाहिये।

श्री रेड्डी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म और जाति नहीं होती, यह मानवता के खिलाफ है। सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करेगी।

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