नई दिल्ली,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।
जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को अप्रभावी बनाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के भारत के फैसले को पाकिस्तान ने जहां अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की बात कही है, वहीं भारत के साथ कारोबार और बस सेवा रोकने तथा राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला भी किया है।
भारत ने पाकिस्तान से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है ताकि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर संवाद स्थापित करने में मदद मिल सके। वहीं पाकिस्तान के रवैये पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सबसे बड़ी आशंका तो हमें हमारे पड़ोसी के बारे में रहती है। समस्या ये है कि आप दोस्त बदल सकते हैं, मगर पड़ोसी का चुनाव आपके हाथ में नहीं होता है। और जैसा पड़ोसी हमारे बगल में बैठा है, परमात्मा करे कि ऐसे पड़ोसी किसी को न मिले।
कश्मीर पर भारत के फैसले से जहां पाकिस्तान में बौखलाहट साफ नजर आ रही है, वहीं नई दिल्ली ने साफ कर दिया है कि यह उसका आंतरिक मामला है और इसमें पाकिस्तान की बेचैनी का कोई मतलब ही नहीं है।
बौखलाहट में पाकिस्तान ने बुधवार को ही भारत के साथ सभी तरह के कारोबार और बस सेवा बंद करने का फैसला लिया। साथ ही भारत से अपने उच्चायुक्त मोइनुल हक को वापस बुलाने और भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को वापस भेजने का फैसला किया। पाकिस्तान ने अपने एयर स्पेस को भी एक बार फिर 5 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया। जिसे उसने हाल ही में भारतीय विमानों की आवाजाही के लिए खोला था। पाकिस्तान ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद अपने एयर स्पेस को बंद करने की घोषणा की थी।