प्रधानमंत्री ने उत्‍तर प्रदेश विंध्‍याचल क्षेत्र में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी



नई दिल्ली,
उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने रविवार को उत्‍तर प्रदेश के विंध्‍याचल क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान ग्रामीण जल एवं स्‍वच्‍छता समिति/पानी समिति के सदस्‍यों से भी संवाद किया। केन्‍द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत, उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ इस अवसर पर उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उनसे 2995 गांवों के सभी घरों में जल-नल कनेक्‍शन पहुंचेंगे और इनसे जिलों की करीब 42 लाख की आबादी को लाभ होगा। इन सभी गांवों में ग्रामीण जल एवं स्‍वच्‍छता समितियों/पानी समितियों का गठन किया गया है, जो इसके परिचालन और रखरखाव की जिम्‍मेदारी संभालेंगी। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 5,555.38 करोड़ रुपए है। परियोजनाओं को 24 महीनों में पूरा करने की योजना है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन की शुरूआत के बाद पिछले डेढ़ साल में दो करोड़ 60 लाख से ज्‍यादा परिवारों को पेयजल कनेक्‍शन मुहैया कराए गए हैं, इनमें उत्‍तर प्रदेश के कई लाख परिवार भी शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कारण हमारी माताओं और बहनों का जीवन आसान हुआ है क्‍योंकि उन्‍हें अपने घर में आसानी से पानी मिल रहा है। उन्‍होंने कहा कि इसका एक ओर बहुत बड़ा फायदा यह हुआ है कि गंदे पानी की वजह से गरीब परिवारों में होने वाली हैजा, टायफाइड, इन्सिफिलाइटिस जैसी जलजनित बीमारियों में बहुत कमी आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रचुर संसाधन होने के बावजूद विंध्‍याचल और बुंदेलखंड क्षेत्र अभावग्रस्‍त क्षेत्र बने हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि बहुत सी नदियां होने के बावजूद इन क्षेत्रों को जलाभाव वाला और सूखा प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। उन्‍होंने कहा कि इसी वजह से यहां के बहुत से निवासियों को क्षेत्र छोड़कर अन्‍यत्र चले जाना पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि अब इन परियोजनाओं से जल संकट और सिंचाई जैसे मुद्दों का समाधान हो जाएगा जो‍ कि तीव्र विकास का सूचक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विंध्‍याचल के हजारों गांवों में पाइप के जरिए पेयजल पहुंच जाएगा तो क्षेत्र के बच्‍चों की सेहत में सुधार होगा और उनका बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होगा। उन्‍होंने कहा जब किसी को आपके गांव के विकास के लिए निर्णय लेने और उन निर्णयों पर काम करने की आजादी मिलती है तो उससे गांवों में हर किसी का आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है। उन्‍होंने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत को आत्‍मनिर्भर गांवों से शक्ति मिलती है।

प्रधानमंत्री ने उत्‍तर प्रदेश सरकार की इस बात के लिए प्रशंसा की कि उसने महामारी के समय में भी एक प्रभावी सुशासन दिया और सुधारों की गति को बनाए रखा। श्री मोदी ने इस क्षेत्र में हुए विकास कार्यों के संबंध में भी जानकारी दी। उन्‍होंने एलपीजी गैस सिलेंडर, बिजली आपूर्ति, मिर्जापुर में सौर संयंत्र, सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने और बंजर भूमि पर सौर परियोजनाएं लगाकर किसानों को लगातार अतिरिक्‍त आय मुहैया कराने के प्रावधानों की ओर संकेत किया।

स्‍वामित्‍व योजना का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भूमि के मालिकों को रिहायशी और खेती योग्‍य भूमि के सत्‍यापित स्‍वामित्‍व पट्टे प्रदान किए गए हैं, जिनसे लोगों के मन में पट्टों के प्रति स्थिरता और निश्चितता आई है। इससे समाज के गरीब तबके के लोगों की संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगी है और इस संपत्ति के बदले में ऋण लेने की संभावना में सुधार हुआ है।

क्षेत्र की जनजातीय आबादी के उन्‍नयन के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि कुछ विशेष परियोजनाओं के तहत यह योजनाएं जनजातीय क्षेत्रों तक भी ले जाई जा रही हैं। उत्‍तर प्रदेश समेत इस तरह के सभी क्षेत्रों में सैंकड़ों एकलव्‍य मॉडल स्‍कूल्‍स खोले गए हैं। हमारा लक्ष्‍य हर जनजातीय बहुल ब्‍लॉक में यह सुविधा प्रदान करने का है। उन्होंने कहा वनोपज आधारित परियोजनाएं भी लागू की गई हैं। एक जिला स्‍तरीय खनिज कोष भी स्‍थापित किया गया है। ताकि जनजातीय क्षेत्रों में कोष की बिलकुल कमी न होने पाए। इस योजना के पीछे यह विचार है कि इन इलाकों से प्राप्‍त संसाधनों का एक हिस्‍सा स्‍थानीय तौर पर निवेश किया जाए। उत्‍तर प्रदेश में इस कोष के तहत 800 करोड़ रुपए एकत्रित किए गए हैं और 6000 से ज्‍यादा परियोजनाओं की मंजूरी दी गई।

प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कोरोना के प्रति सचेत रहें क्‍योंकि इसका खतरा अभी भी मंडरा रहा है। उन्‍होंने लोगों से कहा कि वे पूरी ईमानदारी से इसके लिए तय सावधानियां बरतें।

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