--अभिजीत पाण्डेय
पटना - बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज।
बिहार की राजधानी पटना के करबिगहिया में बंद पड़े पावर हाउस को देश का पहला और दुनिया का चौथा पावर म्यूजियम बनाया जाएगा। प्रस्तावित ऊर्जा संग्रहालय (पावर म्यूजियम) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार और बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में परियोजना की प्रगति, समय सीमा और एजेंसी चयन की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि देश के पहले ऊर्जा संग्रहालय को समय पर और आधुनिक मानकों के अनुरूप तैयार किया जा सके।
ऊर्जा संग्रहालय को पटना के करबिगहिया स्थित पुराने थर्मल पावर प्लांट परिसर की लगभग 3 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। यह थर्मल प्लांट कई वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। यह परियोजना बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा क्रियान्वित की जाएगी। आधुनिक तकनीक और ऐतिहासिक धरोहरों के मिश्रण के रूप में बनने वाला यह संग्रहालय भारत का पहला और दुनिया का चौथा समर्पित ऊर्जा संग्रहालय होगा। इस पूरे संग्रहालय को तैयार करने में लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
ऊर्जा संग्रहालय का लक्ष्य शैक्षणिक शोध, ऊर्जा की विरासत के संरक्षण और तकनीकी पर्यटन को नई दिशा देना है। संग्रहालय में ऊर्जा उत्पादन के इतिहास से लेकर आधुनिक तकनीकों तक की पूरी यात्रा दिखाई जाएगी। खासकर बच्चों और युवाओं को ध्यान में रखते हुए इसे इंटरैक्टिव और डिजिटल रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि ऊर्जा से जुड़ी जटिल प्रक्रियाओं को आसानी से समझा जा सके।
ऊर्जा संग्रहालय में पुराने उपकरणों से लेकर नवीनतम ऊर्जा तकनीक तक का अनोखा संग्रह होगा। यहां विजिटर्स को डीसी मॉडल, इंटरैक्टिव डिस्प्ले, डिजिटल पैनल, 3डी मॉडल से ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया समझने का मौका मिलेगा। इसके अलावा पुराने जनरेटर, इंजन और बिजली उत्पादन से जुड़े दुर्लभ उपकरण भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
संग्रहालय परिसर में विशेष ओपन थिएटर भी बनाया जाएगा, जहां 3डी तकनीक से बिजली उत्पादन की कहानी दिखाई जाएगी। इस थिएटर का उद्देश्य है कि लोग मनोरंजन के माध्यम से ऊर्जा के इतिहास और भविष्य की अवधारणा को बेहतर तरीके से समझ सकें। यह सुविधा बच्चों के लिए विशेष रूप से आकर्षक होगी।
संग्रहालय में एक शैक्षणिक केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जहां ऊर्जा से जुड़े शोध, वर्कशॉप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह केंद्र छात्रों, शोधार्थियों और इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों को ऊर्जा के भविष्य पर काम करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा।