विज्ञान का आधार प्रश्न करने की; अन्वेषण करने की इच्छा है जिसे अंतर्निविष्ट किये जाने की आवश्यकता है : स्मृति ईरानी



जालंधर, 06 जनवरी 2019, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

कपड़ा और उद्योग मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने जालंधर के लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय में भारतीय विज्ञान कांग्रेस, 2019 के एक हिस्से के रूप में महिला विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान जेंडर-तटस्थ है। उन्होंने उल्लेख किया कि देश भर के अनुसंधान और विकास संस्थानों में कार्यरत लगभग 2.8 लाख वैज्ञानिकों, इंजीनियरों में केवल 39,000 महिलाएँ हैं जो महिला वैज्ञानिक समुदाय को देश में सबसे विशाल अल्पसंख्यक बनाता है। आंकडों से प्रदर्शित होता है कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्र में 81 प्रतिशत महिलाएं हैं, प्रदर्शन मूल्यांकन में एक जेंडर पूर्वाग्रह है। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि हमारे देश में, हमारे समुदाय में कितनी महिलाएं पेटेंट फाइल करती हैं और हमारे समुदाय में एवं हमारे शिक्षण संस्थानों में कितनी महिलाओं को सिखाया जाता है कि वे किस प्रकार अपने नवाचारों और आविष्कारों का व्यवसायीकरण करें।

उन्होंने कहा कि जेंडर समानता केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है; यह समाज के पुरुषों के लिए भी है कि वे यह सुनिश्चित करें। यह हमारे लिए अनिवार्य है कि हम लड़कियों के बीच भी विज्ञान की खातिर विज्ञान से प्रेम करने, सपने देखने, इच्छा करने, सवाल करने, अन्वेषण करने की भावना पैदा करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मामले में वैज्ञानिक समुदाय की सबसे बड़ी चुनौती भाषा की चुनौती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अंग्रेजी अभी भी विज्ञान की भाषा है। उन्होंने जनगणना 2011 के एक तथ्य की ओर इंगित किया कि हमारे देश की 96.7 प्रतिशत आबादी 22 अनुसूचित भाषाओं को अपनी पहली भाषा या अपनी मातृभाषा के रूप में अपनाती है। कुछ सर्वश्रेष्ठ विज्ञान पत्रिकाओं, नए वैज्ञानिक अध्ययनों का अनुवाद न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए, बल्कि स्कूलों के छात्रों के लिए भी आवश्यक हैं ताकि विज्ञान के लिए प्रेम बहुत आरम्भिक चरण में ही सन्निहित किया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि "कैसे प्रौद्योगिकी के माध्यम से जेंडर समानता के लिए विज्ञान की सहयता ली जा सकती है - अगर हम ऐसा कर सकते हैं, तो यह आज के उद्घाटन समारोह के लिए एक बड़ा कदम होगा।"

इस अवसर पर महिला विज्ञान कांग्रेस पर एक स्मारिका पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

भारतीय विज्ञान कांग्रेस में महिला विज्ञान कांग्रेस का आयोजन “फ्यूचर इंडिया: साइंस एंड टेक्नोलॉजी” की केन्द्रीय विषय वस्तु के साथ किया गया है। महिला विज्ञान कांग्रेस का आयोजन विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए किया गया है।

यह जानना निराशाजनक है कि केवल 65% भारतीय महिलाएं बुनियादी शिक्षा प्राप्त करती हैं। लेकिन अब, वैश्विक जेंडर अंतर पर विश्व आर्थिक मंच ने रिपोर्ट किया है कि भारत ने पहली बार अपनी तृतीयक शिक्षा जेंडर अंतर को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है। योग्य महिलाएं शिक्षा प्रणाली से निकलकर बाहर आ रही हैं और यह उद्योगों का कर्तव्य है कि उन्हें नियुक्त करे, उन्हें बनाए रखे एवं उन्हें पदोन्नति दे। यह अपरिहार्य हो गया है कि महिलाओं को प्रतिभा पूल में एकीकृत किया जाए। महिलाएं अब नीति निर्माण और राजनीतिक नेतृत्व में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। समर्पित नेतृत्व के साथ सावधानीपूर्वक तैयार की गई नीतियां नवाचारों और खोजों का मार्ग प्रशस्त करेंगी जिससे समाज लाभान्वित होगा।

दो दिवसीय महिला विज्ञान कांग्रेस के दौरान, सरकार, शिक्षा क्षेत्र और उद्योग जगत की प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक और महिला नेता/निर्णय निर्माता व्याख्यान देंगी और पैनल चर्चा में भाग लेंगी।

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