मई के अंत तक भारत को मिलेंगे राफेल विमान : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह



--राजीव रंजन नाग,
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्पष्ट किया कि भारत को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की डिलिवरी इस साल मई के अंत तक हो जाएगी। उनका यह बयान मीडिया के एक सेक्शन में चल रही उन खबरों के मद्देनजर आया है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस की वजह से इस साल मई महीने में भारत को मिलने वाले चार राफेल विमानों की आपूर्ति में देर हो सकती है।

चार राफेल विमानों को अंबाला स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। 'आप की अदालत' शो में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'राफेल जेट्स मई के अंत में आ रही है। जहां खबर करनी हो, करा दें।'

राजनाथ सिंह ने खुलासा किया कि कैसे पिछले साल फ्रांस में राफेल जेट में उड़ान भरते समय उन्होंने पायलट से सुपरसोनिक रफ्तार में विमान उड़ाने के लिए कहा था। उन्होंने कहा, 'जब मैं राफेल में बैठा तो मैंने पायलट से पूछा, किस रफ्तार से चल रहे हो? पायलट ने कहा- 850-900 किमी. प्रतिघंटा। मैंने पूछा-क्या आप सुपरसोनिक गति से उड़ा सकते हैं? उसने कहा-जी हां। मैंने कहा- चिंता मत करो, सुपरसोनिक रफ्तार से चलाओ। तब पायलट ने कहा- आई एम प्राऊड ऑफ यू सर।'

यह पूछे जाने पर कि भारत को मिलने वाले पहले राफेल फाइटर जेट पर उन्होंने 'ओम्' क्यों लिखा, राजनाथ सिंह कहा: 'ओम् तो हमारी भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। मैं चाहे दुनिया की किसी धरती पर रहूं, मैं अपनी भारतीय संस्कृति को आंखों से ओझल नहीं कर सकता। केवल वही नहीं लिखा, उस प्लेन में बैठकर उड़ा भी मैं।'

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी फिर ट्रेनिंग के लिए इकट्ठे हो रहे हैं, रक्षा मंत्री ने कहा: 'प्रतीक्षा करिये, बस इतना ही कहना चाहूंगा कि भारत की सुरक्षा, आन-बान-शान पर कहीं कोई सवालिया निशान होगा, तो उसका मुंहतोड़ जवाब देने की कूबत भारत की सेना के पास है।'

पाकिस्तान की ओर से भारत में हथियार और आतंकवादी भेजने की लगातार कोशिशों से जुड़े सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'अपनी तरफ से उनकी कोशिश तो चलती रहती है लेकिन हम उसे रोकते भी हैं। उनका मुकाबला भी करते हैं। लेकिन ईश्वर करे कभी ऐसे हालात पैदा न हों। भारत अब कमजोर भारत नहीं है। भारत के समक्ष अगर कोई संकट पैदा करने की कोशिश करेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत भारत के अंदर है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे पर कि भारत युद्ध में सात से आठ दिनों के अंदर पाकिस्तान को हराने की क्षमता रखता है, रक्षा मंत्री ने कहा: 'पीएम कभी गलत नहीं बोलते, लेकिन वैसे हमलोग चाहते हैं... हमारा पड़ोसी है, ठीक-ठाक रहे, सही सलामत रहे... क्योंकि अटल जी कहा करते थे- किसी के दोस्त बदल जाते हैं पर पड़ोसी नहीं बदलते। हमलोग चाहते हैं.. पड़ोसी है, ठीक-ठाक रहे, लेकिन पता नहीं वो अपनी हरकत से बाज नहीं आता।'

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान पर कि अगर भारत जंग शुरू करता है तो पाकिस्तान की 20 करोड़ आबादी में से हर बच्चा जंग के खत्म होने तक लड़ेगा, राजनाथ सिंह ने कहा: 'अरे, कम से कम बेचारे को इतना भी नहीं बोलने देंगे? जब-जब जंग हुई है तब-तब पाकिस्तान हारा है। इतना ही नहीं 1971 में पाकिस्तान का हारना तो दूर, उसके दो टुकड़े हो गए। उन्हें (इमरान) बोलने दीजिये।'

पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर राजनाथ सिंह ने कहा: 'पीओके भारत का था, है और रहेगा। पीओके तो भारत का है ही। जहां तक कश्मीर घाटी का सवाल है, स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को हमने बहाल कर दिया है। वहां ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चुनाव हो चुके हैं। कुछ ही दिनों में पूरी स्थिति कश्मीर में सामान्य हो जाएगी।'

दिल्ली दंगों से पहले बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा भड़काऊ बयान देने के सवाल पर राजनाथ सिंह ने दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा का यह कहते हुए बचाव किया कि उन्होंने अपने बयान में कहीं भी दंगे की धमकी नहीं दी। राजनाथ सिंह ने कहा, 'कपिल मिश्रा के बयान में क्या गलत था? उनकी पीड़ा ये है कि सड़क को रोका जा रहा था। उनके बयान का कहीं दंगे से कोई लेना-देना नहीं था। अनावश्यक रूप से लोग उनके बयान में दंगे जोड़ रहे हैं। इसके पीछे उनकी बदनीयति दिखाई दे रही है। सड़क पर उतरने का मतलब लोकतंत्र में धरने-प्रदर्शन होते हैं। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा-मार डालेंगे, काट डालेंगे।'

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा एक सभा में 'देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को' जैसी नारेबाजी के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा: 'चाहे जो भी हो मैं उस नारे से कतई सहमत नहीं हूं। जो मैंने देखा...उन्होंने ऊपर से नारा लगाया, गोली मारने की बात नीचे के लोगों ने कही। मैं डिफेंड तो नहीं करना चाहता, पर कभी-कभी यह भी हो सकता है... जो ऊपर खड़ा व्यक्ति कहता है... कभी एक-दो बार उसकी आवाज नीचे सुनाई नहीं देती। उस स्थिति में कुछ नेता अपने को सुधार लेते हैं, यहां नहीं सुधारा तो गलत है।'

राजनाथ सिंह ने कहा कि वह चुनावों के दौरान मुस्लिमों के खिलाफ दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के भड़काऊ भाषण से भी सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा- 'मैं इन सब चीजों से व्यक्तिगत रूप से कभी सहमत नहीं हूं। हमारी सोच बहुत स्पष्ट है।'

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक बड़े हिस्से द्वारा भारत के मुसलमानों में असुरक्षा को लेकर की जा रही रिपोर्टिंग पर राजनाथ सिंह ने कहा: 'कैबिनेट का मैं वरिष्ठतम सदस्य हूं और लंबे समय तक हमने साथ काम किया। इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कभी-भी हमारे प्रधानमंत्री की सोच कम्यूनल नहीं रही। गुजरात दंगों के समय उनके इमेज को धूमिल करने की कोशिश की गई। उस समय भी किस तकलीफ और कष्ट से वो गुजर रहे थे, किस तरह उन्हें लांछित किया जा रहा था।'

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