डॉ• हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा में भाग लिया



नई दिल्ली,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ• हर्षवर्धन ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा (डबल्यूएचए) में भाग लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के महानिदेशक के संबोधन पर डॉ• हर्षवर्धन द्वारा प्रस्तुत भारत की प्रतिक्रिया इस प्रकार है:

"विश्व स्वास्थ्य सभा की अध्यक्ष महामहिम सुश्री केवा बैन, डब्लूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस और सम्मानीय प्रतिनिधिगण,

शुरुआत में, मैं कोविड-19 के कारण दुनिया भर में हुए लोगों की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं उन लोगों के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करता हूं जो इस लड़ाई की अग्रिम पंक्ति में हैं।

हमने, भारत में कोविड-19 चुनौती को राजनीतिक प्रतिबद्धता के उच्चतम स्तर के साथ स्वीकार किया। हमारे माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी की और एक सक्रिय और श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित की। घातक वायरस को फैलने से रोकने सभी तरह के प्रयास किये गए।

भारत ने समय पर सभी आवश्यक कदम उठाए, जिनमें शामिल हैं - प्रवेश के बिंदुओं पर निगरानी, ​​विदेशों में फंसे नागरिकों की वापस लाना, मजबूत रोग निगरानी नेटवर्क के माध्यम से बड़े पैमाने पर सामुदायिक निगरानी, ​​स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करना, अग्रिम पंक्ति के लिये 20 लाख से अधिक लोगों की तैनाती / क्षमता निर्माण, जोखिम की जानकारी देना और समुदाय की भागीदारी आदि। मुझे लगता है कि हमने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये और हमने अच्छा प्रदर्शन किया। हम सीख रहे हैं और आने वाले महीनों में बेहतर करने के लिए आश्वस्त हैं।

महानुभाव, आज अभूतपूर्व परिस्थितियाँ हैं जिसने हमें वर्चुअल तरीके से मिलने के लिए मजबूर किया है। 73वी डबल्यूएचए पहली वर्चुअल स्वास्थ्य सभा है, यह अभूतपूर्व है, लेकिन यह शायद सबसे महत्वपूर्ण है; क्योंकि जब हम यहां बैटकर चर्चा कर रहे हैं, तो महामारी हजारों लोगों की जान ले रही है और दुनिया को वैश्विक मंदी की ओर ले जा रही है।

ऐसे समय में सम्पूर्ण मानव जाति को एक साथ आना होगा। आज, मैं सभी सरकारों, उद्योग जगत और परोपकारी लोगों/संगठनों से आग्रह करता हूं कि वे दीर्घकालिक जरूरतों को प्राथमिकता दें और इसके लिए अपने संसाधनों का उपयोग करें, ताकि सभी लोगों को लाभ मिल सके।

हमारी ओर से, भारत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय साझेदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व के तहत, भारत ने एकजुटता की अभिव्यक्ति के रूप में 123 देशों को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की है।

पूरी दुनिया के लिए चिकित्सीय, निदान और टीके इस महामारी से उबरने का एकमात्र रास्ता है। वैश्विक सहयोग सर्वोपरि है। सरकारों, उद्योग जगत और परोपकारी लोगों/संगठनों को जोखिम, अनुसंधान, निर्माण और वितरण का वित्त पोषण करना चाहिए, लेकिन इस शर्त के साथ कि इसका फायदा सभी के लिए उपलब्ध होगा, चाहे कहीं भी इन्हें विकसित किया गया हो।

आज, दो-दिवसीय विचार-विमर्श में, हमें अपने अनुभवों को साझा करना चाहिए कि किस प्रकार जनवरी से लेकर अब तक हममें से प्रत्येक ने इस तबाही से मुकाबला किया है, हम कैसे वित्तीय या तकनीकी कमियों को दूर कर सकते हैं। हमारे कुछ सदस्य देश त्वरित और सहयोगात्मक तरीके के साथ शोध एवं अनुसन्धान जारी रखने के लिए सहमत होंगे।

मानवता को बचाने के लिए जो लोग प्रयास कर रहे हैं, उन सभी को बधाई देते हुए, हम सभी अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों को 21वीं सदी की वास्तविकताओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सार्थक और व्यापक-परिवर्तन को बढ़ावा देने के ऐसे प्रयासों को हमेशा समर्थन देता रहेगा।

मैं आज दुनिया भर के उन सभी लोगों की सराहना के साथ अपना भाषण समाप्त करता हूं, जो घातक वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सबसे आगे हैं।

मैं यहां डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स, वैज्ञानिकों, पत्रकारों, डिलीवरी करने वाले लोगों, सिक्योरिटी स्टाफ, सेनिटेशन स्टाफ और पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के लिए खड़ा हूं – जिनकी सेवाएँ भुला दी जाती हैं और जो आज ’सुपर ह्यूमन’ की भूमिका निभा रहे हैं। वे हमारे वास्तविक नायक हैं।

इस महत्वपूर्ण सभा को संबोधित करने का अवसर देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।”

ताजा समाचार

National Report



Image Gallery
राष्ट्रीय विशेष
  India Inside News