 
                        ईटानगर,
अरुणाचल प्रदेश,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।
■ युवाओं को सामाजिक कुरीतियों के बारे में शिक्षित करने के लिए मशहूर हस्तियों को आगे आना चाहिए
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मोबाइल फोन जैसे डिजिटल उपकरणों की लत से बचने की आवश्यकता के बारे में युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करने का आह्वाहन किया।
अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाले लेखकों, सामाजिक कार्यकर्तों, एक उद्यमी और एक पर्वतारोही के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों और युवा वयस्कों को डिजिटल उपकरणों के लगातार उपयोग व इंटरनेट पर अत्यधिक निर्भरता के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘यह रचनात्मकता और मौलिक सोच को खत्म कर देगा।"
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में मशहूर हस्तियों से युवाओं को लैंगिक उत्पीड़न और नशीले पदार्थों की लत जैसी विभिन्न सामाजिक बुराइयों को लेकर शिक्षित करने के बारे में नेतृत्व करने का आग्रह किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं को जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों और प्रकृति व जल निकायों की रक्षा करने की जरूरत के बारे में भी बताया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे यह भी चाहते हैं कि कबड्डी जैसे भारतीय खेलों को बढ़ावा दिया जाए। युवाओं को शारीरिक रूप से फिट रहने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने शारीरिक फिटनेस के महत्व को बताया है। उपराष्ट्रपति ने कहा, “अगर कोई शारीरिक रूप से स्वस्थ है तो वह मानसिक रूप से फुर्तीला हो सकता है।"
श्री नायडू ने युवाओं के बीच "साझा करने और देखभाल करने" की प्रवृति को विकसित करने के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, "साझा करना और देखभाल करना भारतीय दर्शन के मूलभूत तत्व हैं।"
इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी. डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और अन्य उपस्थित थे।
 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                    				 
                				 
                				 
                				 
                				 
                				 
                				