नारायण सेवा संस्थान ने भारत में लॉन्च की 'सिम्पोजियम सीरीज 2019'



उदयपुर, 04 जनवरी 2019, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

● देश में नवाचार और विशेषज्ञता लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय चिकित्सकों के साथ सहयोग करने का उद्देश्य

● वंचित दिव्यांग लोगों के उपचार की उन्नत तकनीक को देश में लाने के लिए नारायण सेवा संस्थान को नजर आती हैं भरपूर संभावनाएं

● संयुक्त राज्य अमेरिका के आर्थोपेडिक प्रोफेशनल डॉ• नंदन शाह ने किया पहली श्रृंखला का शुभारंभ

● राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समुदायों के बीच एक वैश्विक पुल बनाने का नारायण सेवा संस्थान का प्रयास

दिव्यांग लोगों, खास तौर पर जन्मजात दिव्यांग और पोलियोग्रस्त रोगियों के लिए देश में चैरिटेबल अस्पताल संचालित करने वाले धर्मार्थ संगठन नारायण सेवा संस्थान ने गुरुवार 03 जनवरी को देश में ‘सिम्पोजियम सीरीज 2019‘ को लॉन्च किया। इस पहल के तहत पहले कदम के रूप में संस्थान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के आर्थोपेडिक प्रोफेशनल डॉ• नंदन शाह की यात्रा का आयोजन किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक और चेयरमैन पद्मश्री कैलाश ‘मानव‘ अग्रवाल ने की। उनके साथ उदयपुर के प्रमुख प्रभावशाली चिकित्सक भी उपस्थित थे।

इस अनूठी पहल के तहत, एनएसएस ने विभिन्न देशों में विभिन्न सहयोगों की योजना बनाई है, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के स्वास्थ्य विशेषज्ञ विशेष सत्रों में इस बारे में जानकारी देंगे कि उन्नत तकनीक और इससे संबंधित लागत में व्याप्त फासले को कैसे दूर किया जाए। संस्थान का इरादा वंचितों और दिव्यांग लोगों की जरूरत वाली स्वास्थ्य सेवाओं में एक जबरदस्त प्रभाव लाने का है।

नारायण सेवा संस्थान वर्तमान में उदयपुर जिले के बड़ी गाँव में ‘दिव्यांग लोगों के लिए स्मार्ट विलेज‘ में 1100 बिस्तरों वाला अस्पताल संचालित कर रहा है। इसका उद्देश्य किसी भी कीमत पर अंतरराष्ट्रीय मानक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हुए एशियाई देशों में दिव्यांग लोगों के उपचार के तौर-तरीकों में बदलाव लाना है। इस पहल के साथ-साथ नारायण सेवा संस्थान लोगों और कॉर्पोरेट दाताओं को इस उद्देश्य के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहा है।

इस अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि एक उन्नत और बेहतर तकनीकी प्रगति वह है जो भौगोलिक या आर्थिक सीमाओं की परवाह किए बिना उन सभी लोगों के लिए सुलभ और किफायती हो, जिन्हें इसकी जरूरत है। भारत सरकार भी डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं को सार्वभौमिक बनाने के लिए अपनी तरफ से प्रयास कर रही है और सिम्पोजियम के रूप में हमारी यह श्रृंखला भी इस वैश्विक कारण की दिशा में एक छोटा सा योगदान है।

संगोष्ठी श्रृंखला के तहत, एनएसएस अब आक्रामक रूप से दुनिया भर के कई और चिकित्सा पेशेवरों, तकनीकी पेशेवरों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं, प्रशिक्षुओं, स्वयंसेवकों और सहयोगियों को आमंत्रित करेगा।

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