वाराणसी,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।
आशुतोष मिश्र द्वारा रचित व्यंग्य उपन्यास "राजनैत" का लोकार्पण गुरुवार 12 सितंबर 2019 को सिगरा स्थित आर• के• ग्रैंड होटल में किया गया। पुस्तक का लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टी• एन• सिंह, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ• संतोष कुमार सिंह एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर चतुर्भुज नाथ तिवारी ने किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर टी• एन• सिंह ने कहा कि आशुतोष मिश्रा न्यायाधीश होते हुए भी साहित्य के साथ पूरा न्याय किए हैं। इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि पुस्तक में जो व्यंग्य का वर्णन किया गया है वह विरले ही मिलता है। आज जो छात्र संघ चुनावों में होता है उसका सटीक वर्णन इस पुस्तक में मिलता है। उन्होंने कहा कि आशुतोष जी ऐसे ही व्यंग्य साहित्य की रचना करते रहें, यही मेरी शुभकामना है।
विशिष्ट अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रॉक्टर डॉ• संतोष कुमार सिंह ने कहा कि मैं उपन्यास के लेखक आशुतोष मिश्र को शुभकामना एवं साधुवाद देता हूं कि उन्होंने सरकारी सेवा में कार्यरत रहते हुए अपनी घोर व्यस्तता के बावजूद एक सार्थक उपन्यास की रचना की, जो सर्वथा प्रासंगिक है। आज के इस भौतिकवादी एवं आर्थिक युग में जबकि लोगों के पास खुद के लिए समय नहीं है ऐसे में समाज को अपने कलम से कुछ देने की क्षमता रखना काबिलेतारीफ है। हम आशुतोष मिश्र के जज्बे को सलाम करते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर चतुर्भुज नाथ तिवारी ने कहा कि आशुतोष मिश्रा द्वारा रचित यह पुस्तक एक अलग व्यंग का बोध कराती है, जो सीधे हृदय को स्पर्श करती है। यह रचना यह आभास कराती है कि लेखक ने काशी को पूरी तरह जीया है। क्योंकि काशी को बिना जीये इस तरह की रचना नहीं की जा सकती है। उपन्यास राजनैत के चरित्रों का वर्णन भी काबिलेतारीफ है, जो छात्र राजनीति का बख़ूबी वर्णन करता है।
उपन्यास के लेखक आशुतोष मिश्रा ने कहा कि साहित्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, अपितु यह इतिहास को उसकी बारीकियों के साथ पेश करता है। लिंगदोह समिति का प्रतिवेदन लागू होने के पूर्व होने वाला छात्र संघ चुनाव इतिहास के किसी कोने में कहीं खो गया था। उपन्यास "राजनैत" में उसी को व्यंग्यात्मक शैली में संजोने का एक छोटा प्रयास किया हूँ। इसमें बनारस की बोली एवं अक्खड़पन, बेबाक़ अंदाज और मस्ती को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया हूँ।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके बाद अतिथियों को बुके भेंट कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात अतिथि गणों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम में सोनभद्र के अपर जिला जज जे• पी• तिवारी, लखनऊ के सीबीआई जज गौरव शर्मा, बिहार बेतिया के न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित शुक्ला, नवधारा पब्लिकेशन के प्रकाशक वीरेन्द्र धीमान, सेल टैक्स ऑफिसर मनीष राय, अशोक शुक्ला, डॉ• विनोद कुमार सिंह, डॉ• श्याम सुंदर पांडेय, आनन्द प्रकाश रंजन, आशीष जायसवाल सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। संचालन डॉ• अनुराधा सर्वेश्वर रतूड़ी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ• विनोद कुमार सिंह ने किया।