--अभिजीत पाण्डेय,
पटना-बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
पटना हाईकोर्ट ने 4 लाख नियोजित शिक्षकों को 4 महीने के अंदर सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं की तरह ही नियोजित शिक्षकों को सारी सुविधाओं का लाभ देने का आदेश सरकार को दिया है।
न्यायाधीश डा• अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने मंगलवार को टीइटीएसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने एक एलपीए में पहले ही कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त पंचायत शिक्षकों को राज्य कर्मियों की तरह ही माने जाने के लिए कहा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारियों की तरह माना जाता है लेकिन सारी सुविधाएं राज्य कर्मचारियों की भांति नहीं दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी मान लिया जाएगा तो रूल, रेगुलेशन, सैलरी आदि सब सरकारी कर्मचारियों की भाँति हो जाएगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि नियोजित शिक्षक राज्य के कर्मचारियों की तरह ही कार्य करते हैं इसके बावजूद सरकार इन शिक्षकों से दोयम दर्जे का व्यवहार करती है।
मालूम हो कि 2014 में बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षकों की बहाली हुई थी। 2006 में इन्हें शिक्षा मित्र कहा जाता था। बाद में 2010 में शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू कर दिया गया। उसके बाद भी यह शिक्षक नियोजित शिक्षक ही कहे जाते हैं।
यदि हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर लिया जाता है तो करीब 4 लाख शिक्षकों को बड़ा फायदा होगा।